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शनिवार, 24 मई 2014

tanu thadani सारा जीवन इक कागज है तनु थदानी


सारा जीवन इक कागज है,
हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं !
हम हैं  बच्चो के जैसे  जो,
कागज की नाव बनाते हैं !!

कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लिया,
सारा जीवन यूँ व्यर्थ गया !
जब शाम हुई ,तम देख-देख .
हम रोने क्यूँ लग जाते हैं!!

हर शाम का स्वागत किया करो,
ये शाम सुबह को लाती है!
इक-इक क्षण - क्षण में जीवन है ,
जो बच्चो में मुस्काती है !!

जब दुःख आये ,सुख बाँट दो सब ,
तुमको भी सुख मिल जायेगा !
तेरे जैसा ही इक कोई ,
तुमको भी खुश कर जायेगा !!

जीवन को मानो मस्त हवा ,
मत बांधो रिश्ते -नातों में !
हर इक से रिश्ता रखो मगर ,
मत उलझो शह औं मातों में !!

हमने तुमने क्यूँ सुना नहीं ,
जो कान में ईश्वर ने कहा ,
अपने अंदर में ख़ुशी रखो ,
और मुख से निकले हा!हा!!हा !!!  

tanu thadani hey eshwar दुखी हैं हम सब तनु थदानी

दुखी हैं हम सब ,
खुद के कारण ,
खुद के कारण ,
आहत हैं!

करते सत्संग रामायण से ,
आदत से महाभारत हैं !!

पूरी बगिया दी तोड़॔फोड़
हर कार्य किये सृष्टी -नाशक ,
लकिन फिर भी हम जिन्दा हैं ,
प्यारे ईश्वेर की चाहत हैं!!

हमने माना भोजन देता ,
ईश्वर ही सांझ -सवेरे हैं !
फिर भी सुबहो  से रात तलक ,
तेरे- मेरे के फेरे हैं!!

सारे के सारे संसाधन ,
पूरी ही तरह निचोड़ चुके,
हर इक रिश्तो से दुःख रिसते,
हम भावनाये तक छोड़ चुके!!

हम भूले हे ईश्वर तुमको,
तुम ना भूले ये राहत हैं!!