हे ईश्वर { tanu thadani}
हे ईश्वर तेरी दुनियां को ,
हमने बदला है कुछ ऐसा !
रिश्तो में ना अब आंच रही ,
ना प्यार रहा पहले जैसा !!
जूठा है तन - झूठा है मन ,
सिंदूर से सब छिप जाता है!
अब नहीं समर्पण -भाव रहा ,
कहने को ही बस ब्याहाता है !!
मंगल - सूत्रों को आड़ बना ,
भोली सूरत ही छलती है !
बच कर चलना जीवन पथ में
धोखो की आंधी चलती है !!
हम रहे खोजते बिस्तर में ,
कि प्यार कहाँ से आता है ?
तन रहे कहीं ,मन रहे कहीं ,
फिर भी बन जाता नाता है !!
खुद को ही जो सम्मान न दे,
हे ईश्वर ज्ञान भरो उसमे !
चुनरी में दाग न लगे कभी,
ऐसा सम्मान भरो उसमे !!
मासूम सा मन औ भोलापन ,
ये सुना-सुना सा है जैसा -
हे ईश्वर जैसा सुनते थें ,
भर दो हम सबमे कुछ वैसा !!
हे ईश्वर तेरी दुनियां को ,
हमने बदला है कुछ ऐसा !
रिश्तो में ना अब आंच रही ,
ना प्यार रहा पहले जैसा !!
जूठा है तन - झूठा है मन ,
सिंदूर से सब छिप जाता है!
अब नहीं समर्पण -भाव रहा ,
कहने को ही बस ब्याहाता है !!
मंगल - सूत्रों को आड़ बना ,
भोली सूरत ही छलती है !
बच कर चलना जीवन पथ में
धोखो की आंधी चलती है !!
हम रहे खोजते बिस्तर में ,
कि प्यार कहाँ से आता है ?
तन रहे कहीं ,मन रहे कहीं ,
फिर भी बन जाता नाता है !!
खुद को ही जो सम्मान न दे,
हे ईश्वर ज्ञान भरो उसमे !
चुनरी में दाग न लगे कभी,
ऐसा सम्मान भरो उसमे !!
मासूम सा मन औ भोलापन ,
ये सुना-सुना सा है जैसा -
हे ईश्वर जैसा सुनते थें ,
भर दो हम सबमे कुछ वैसा !!
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