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बुधवार, 30 नवंबर 2011

चिड़ियाँ मेरे अंगना चहके { tanu thadani }

मैने तो उसको प्यार किया ,
बस प्यार किया औ  लाड दिया ,
पर बाहों में आ उसी ने मेरे 
पीठ पे चाक़ू मार दिया !!


ये प्यार की ही गहराई थी ,
मै उसी के बाहों झूल गया ,
वो कातिल मेरा जग -जाहिर ,
मै जान-बूझ  कर भूल गया !!


बिस्तर की सिलवट बयाँ करे,
मेरी  बेचेनी दर्द भरी !
इक-इक सिलवट बन गई शक्ल ,
जब-जब चादर को झाड दिया !!


मैने जीवन-घर  की खिड़की ,
खोली थी की चिड़ियाँ आये ,
मेरी बाहों में खेल-खेल ,
मेरे हाथों दाना खायें !


जब कैदी  हूँ अपने घर में ,
तो मेरी है पहचान कहाँ ?
चिड़ियाँ मेरे अंगना चहके ,
ऐसा मेरा सम्मान कहाँ ??


इक दो आशा की पंक्ति थी ,
जो लिखी थी दिल पे छिप-छिप कर,
पर दिल में रहने वाली ने ,
उन पन्नो को ही फाड़ दिया !!  




मंगलवार, 22 नवंबर 2011

बिटिया का वरदान चाहिये (tanu thadani)

बिटिया का वरदान चाहिये (tanu thadani)

सुन्दर-सुन्दर काया भीतर 
घृणा -भाव  भी पलता है!
बिना आग के हे ईश्वर 
अंतस कैसे जलता है ??


जिसको  खोज रहे वेदों मे,
बाइबल और कुरानो में ,
मक्का -काशी घूम के आये 
खोजे सूफी गानों में !


हे ईश्वर तुम  मिले नहीं क्यूँ ,
कैसी और अजान चाहिये ?
अगर मिलो शब्दों मे तब ही ,
गीता और कुरआन  चाहिये !


जीवन की परिभाषा हमने -
खुद ही ऐसी रच डाली !
उल्लू  बन कर चिपक गएँ 
हर पेड़ -पेड़ डाली -डाली !!


जीवन तूने दिया अनोखा ,
प्यार-प्यार फिर प्यार  मे धोखा !
कथा दुखो की अंतहीन सी -
नम आँखों ने जीवन सोखा !!


जग सारा मांगे धन - दौलत .
मुझको तेरा ध्यान चाहिये !
हे ईश्वर इक छावं सी मीठी -
बिटिया का वरदान चाहिये !! 





सोमवार, 21 नवंबर 2011

हे अल्लाह {tanu thadani)

मेरे सिर-माथे पे अल्लाह ,फिर मस्जिद   क्यूँ  जाऊ मै ?
पांचो वक्त नमाज़ की गलियों ,क्यूँ दिल को भटकाऊ मै ??


खोज लिया  अजानो में औं ,पढ़  ली पूरी   ही   कुरआन,
मिला  मुझे  तू  मेरे  अंदर  ,सबको  ये    बतलाऊ     मै!


एक  ही ख्वाहिश हे अल्लाह कि, मुझको ऐसा शख्स बना ,
हिन्दू, मुस्लिम  बनु  ना  चाहे , मानव  तो  बन पाऊं मै !


अल्लाह जब  था  राम बना तू , राज किया मेरे दिल पर ,
अल्लाह अब जो कृष्ण बना तू,  तेरे  भीतर  आऊं    मै !


तुझको  तेरी  संतानों  ने , बाँध  दिया   कुछ  शब्दों  में ,
हिंदी - उर्दू   के  झगड़ो  से  , कैसे   मुक्त   कराऊं      मै?


ईसा के व्यवहार मे अल्लाह ,तू घुल कर भी दिख जाता ,
नानक  की  गुरुवाणी  मे  तू,  ये   कैसे  समझाउं     मै ?


सारी   दुनिया   हुई   पराई,  जब  से  तेरा  दोस्त  बना,
हे अल्लाह दे ख़ुशी तू इतनी ,अल्लाह-अल्लाह गाऊं मै !







शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

tanu thadani तनु थदानी आदमी नस्ल के बच्चे कहाँ से लायेगे

बात निकलेगी तो आँखों मे आंसू  आयेगे,
हम लड़  बैठेगें,
फिर बाद में पछ्तायेंगे !

नीचा करने की तमन्ना में ,
एक दूसरे को ,
क्या ,
खुद ही  की नजरो में ना गिर जायेगे!!

जाये ना मसजिदों में हम तौबा करने ,
ना मंदिरों मे जा के हम माफ़ी मांगे !
कायदा ये हो कि,हर भूल से हम यूँ  निपटे ,
गले मिले,
मगर,जिद कि भी दीवार लांघे!!

हमारी सोच अच्छी है कि बुरी ,सोच लो तुम ,
हमारी सोच फिर से लौट -लौट आएगी !
हमारी फूल सी मासूम नई पीढ़ी में ,
हमारी सोच ही सोचो  तो नज़र आएगी!!

कहानी नफरतो वाली ही सुनाते जो रहें ,
हमारे बच्चो में मुस्कान कहाँ पायेगें ?
जो हम हिन्दू-मुसलमान ही पैदा करें तो ,
आदमी नस्ल के बच्चे कहाँ से लायेंगे ?? 








tanu thadani तनु थदानी ईश्वर अब तेरी बारी है

हे  ईश्वर ,
तुमने बदन दिया ,
फिर बल बुद्धि और आंखें  दी !
तब ढाला तुमको मूरत में ;
मंदिर में रखा - सलाखें  दी !!

हे ईश्वर,
तुमने सांसें दी ,
धड़कन  दी - ख़ुशी से पाट दिया !
हम बे शर्मो ने तुमको ही -
ईश्वर-अल्लाह  में बाँट दिया !!

ईश्वर,
हर ओर तुम्हीं तो हो ;
नदियों और पेड़  हवाओं में 
तुम मेरे हो बस मेरे हो ;
हम लड़  जाते इन दावों  में !! 

ईश्वर;
मत आना धरती पर ;
ये धरती हमनें बाँट ली है !
डेरों पर किसी का कब्ज़ा है ;
मंदिर पर पंडो का कब्ज़ा ;
गुरुद्वारे किसी के  हैं  अधीन ;
मस्जिद पर मुल्लों का कब्ज़ा !!

आओगे तो पछताओगे;
पूछेगें कौन से धर्म से हो ?
गर जान गए तुम ईश्वर हो ;
फिर आपस में भिड़ जायेंगे !

गर गए एक के पास तो वो ;
शंखों को गर्व से  फूंकेगा ;
गर  छोड़  गए  दूजे  ही  दिन ;
तुझे ख़ोज तुम्ही पे थूकेगा !!

ईश्वर;
अब की मानव रचना ;
तो शर्म के कपड़े  दे देना !
हम अक्ल से अंधे आते हैं ;
फिर धर्म ओढ़ते पहले ही ;
तुमको नंगा कर जाते हैं !!

हम बेशेर्मो के कब्जे में ;
तेरी ये दुनियां सारी है !
धरती बेची -पर्वत बेचे ,
जंगल बेचे फिर हया बिकी ;
तेरी हर रचना बेच चुके ;
ईश्वर अब तेरी बारी है !!
















  

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

tanu thadani तनु थदानी सोया नहीं हूँ माँ मैं तब से

तू जो गले लगाए रोऊँ , आंसू रोक के बैठा कब से !

माँ तुमसे जो जुदा हुआ हूँ ,सोया नहीं हूँ माँ मै तब से !!




रंग - बिरंगी घात लगाए , दुनिया सारी घूर रही है !

तेरी श्वेत -श्याम आँखों से, दूर हुआ हूँ माँ मै जब से !!




छल की धूप से झुलस गया है ,तेरे जिगर का टुकड़ा ये माँ ,

जल ना जाऊ कही यहाँ मै ,आ के मुझको बचा लो सब से !!




पूजा करना भूल गया मै , मंदिर जाना छोड़ दिया है ,

तुझे याद जब-जब करता हूँ ,मिल जाता हूँ तब-तब रब से !!

tanu thadani तनु थदानी नफरत किसको दूं ?

मै किससे प्यार करुं  हे ईश्वर
नफरत किसको दूँ ?
सब प्यार मे घोले विष बैठे
मै  विष मे नेह घोलूं !!

पलकों पे जिसको भी रक्खो ,
वो चेहरे पे कालिख पोते !
वो हवस के बाग़ बगीचे थें ,
हम उसमे आखिर क्या बोते ?

हम उस दुनिया को कोस रहें
जो हमसे -तुमसे बनती है!
हम स्वांग रचे खुश रहने का ,
भीतर कडुवाहट  पलती है !

संकोच नहीं अब रत्ती भर ,
खुद को नीचे ले जाने में !
जज़्बात बिके ,विश्वास बिके ,
हम खडे  है खुद बिक जाने में !

परिवार के माने बिगड़  गए,
इज्जत की परिभाषा बदली !
सुख के सब साधन बदल गए
अब गर्ब की भी भाषा बदली !

मै गर्ब करूँ  तो भी  किस पर ?
किससे ये दिल खोलूं ?
हे ईश्वर नेह भरो इतना
बस विष मे नेह घोलूं !!


बुधवार, 2 नवंबर 2011

tanu thadani तनु थदानी पापा का बचपन लाऊं मैं

कैसे करूँ यकीं ,कि पापा ,
सच ही कहा ये करते थें !
उनके बचपन में  दुनियाँ  में ,
लोग सुहाने रहते थें !

लोग सुहाने रहते थें ,
मेरे पापा  कहते थें -
दूजे का गम बिना स्वार्थ के ,
ख़ुशी-ख़ुशी जो सहते थें !

उन्हे यकीं था ,
फिर से दुनिया ,
 वैसी ही हो जाएगी ;
नहीं पता था ,
मेरे बचपन तक कड़वी  हो जायगी !

खून के रिश्ते होंगें ऐसे,
नाग-नेवले रहते जैसे!
खुशियों के शो रूम खुलेंगे ;
नहीं मिलेगीं जो बिन पैसे !!

मेरी  भरी जवानी मे जब ;
पापा मुझको छोड़  गए !
जाते-जाते मेरे अन्दर ;
इक आशा भी जोड़  गए!
कि मुझको मेरे बच्चो को ;
वो बचपन दिखलाना है ;
जिसमे रंजिश नहीं कहीं ;
खुशियों का ताना-बाना है !

कहां के लाऊ लोग सुहाने ?
खुशियों के वो ताने-बाने ;
हे ईश्वर;
कुछ एसा कर दो -
सबको ही तुम अच्छा कर दो !
नहीं सको पूरी दुनिया तो;
मुझको ही तुम सच्चा कर दो!!

मै जो अच्छा रहा तो दुनिया ;
अच्छी  नजर ही आएगी !
मुझमे सच होगा तो दुनिया ;
सच्ची नजर ही आयेगी !!

हे ईश्वर;
दो वर ऐसा कि 
कुछ ऐसा कर  जाऊं  मै;
ज्यादा नहीं तो कम से कम 
पापा का बचपन लाऊं मै !!  





















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