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बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)



hey eshawar  {tanu thadani} {तनु थदानी }

सारा जीवन इक कागज है

हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं !

हम हैं बच्चो के जैसे जो,

कागज की नाव बनाते हैं !!

कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लिया,

सारा जीवन यूँ व्यर्थ गया !

जब शाम हुई ,तम देख-देख

हम रोने क्यूँ लग जाते हैं!!

हर शाम का स्वागत किया करो,

ये शाम सुबह को लाती है!

इक-इक क्षण -क्षण में जीवन है ,

जो बच्चो में मुस्काती है !!

जब दुःख आये ,सुख बाँट दो सब ,

तुमको भी सुख मिल जायेगा !

तेरे जैसा ही इक कोई ,

तुमको भी खुश कर जायेगा !!

जीवन को मानो मस्त हवा ,

मत बांधो रिश्ते -नातों में !

हर इक से रिश्ता रखो मगर ,

मत उलझो शह औं मातों में !!

हमने तुमने क्यूँ सुना नहीं ,

जो कान में ईश्वर ने कहा ,

अपने अंदर में ख़ुशी रखो ,

और मुख से निकले हा!हा!!हा !!!

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