hey eshwar
उस सपने को जिन्दा रखना ,
जिसमे हम ख़ुशी से नाच रहें !
उस सपनो में जिन्दा रहना,
आपस में दुख -सुख बांच रहें !
कुछ मिल जाये मत खुश होना ,
कुछ छुटे तो भी मत रोना !
जितना जागो खुशियाँ बांटो ,
जब सोओं खुश हो कर सोना !
हम कार्य करें अपने-अपनें ,
ना जाएँ मालाएं जपने !
हर दिशा में है ईश्वर बसता,
मंदिर-मस्जिद को मत ढोना!!
लालच के पर्वत चढ़ बैठे,
फिर खुद को ठंडा कर बैठे ,
हम अकर ना जाए हे ईश्वर ,
रिश्तों में बसती आंच रहे!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें