लोकप्रिय पोस्ट

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

हे ईश्वर {तनु थदानी }


tanuthadani@ymail.com
हर ओर द्वार है मृत्यु का ,
तुम भीतर डर के दुबके क्यों ?

इस  पार द्वार के अपने हैं,
उस पार भी तो कुछ अपने हैं !
ये बदन नहीं ये कपडे  हैं ,
हम बदल-बदल कर आते हैं !
जीवन के हर एक नाटक में,
अपना किरदार निभाते हैं !!

 इस पार अगर है साथ कोई ,
उस पार भी तेरे पूर्वज  हैं !
वो तेरे इन्तजार में हैं ,
चलो वापस ले कर आते हैं !!

जीवन जीने की युक्ति ये -
मत मानो कही भी मुक्ति है !
मृत्यु के पहले ,बाद में भी ,
हम अपनों के ही संग रहे !
जिसे  बाबा-चाचा आज कहे ,
कल बेटा बन कर संग रहे !

हमे हर किरदार निभाना हैं ,
बस रूप बदल कर आना हैं !
हम  आज सुरों के साथ हैं तो ,
कल तुमको गाना गाना हैं !! 
  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें